यूपी में जमीन की रजिस्ट्री का खर्च कैसे निकालें? जाने पूरा तरीका
नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करेंगे एक बेहद जरूरी और आपके काम की जानकारी पर – “यूपी में जमीन की रजिस्ट्री करने में कितना खर्चा आता है?” अगर आप जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं या फिर जल्द कोई प्रॉपर्टी लेने वाले हैं, तो ये लेख आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होने वाला है।
उत्तर प्रदेश में जब कोई खरीदार जमीन खरीदता है, तो उसे उस जमीन की रजिस्ट्री कराना अनिवार्य होता है। ऐसे में एक सामान्य सवाल हर किसी के मन में आता है – आखिर रजिस्ट्री में कुल खर्च कितना आता है? तो दोस्तों, इसका जवाब जमीन के प्रकार, उसकी लोकेशन और आकार पर निर्भर करता है।
अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और यह जानना चाहते हैं कि जमीन की रजिस्ट्री में कौन-कौन से खर्च शामिल होते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। अक्सर लोग जमीन खरीद तो लेते हैं लेकिन रजिस्ट्री और उससे जुड़े खर्चों को लेकर भ्रमित रहते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि यूपी में जमीन की रजिस्ट्री करते समय कितनी फीस लगती है, क्या दस्तावेज़ लगते हैं और प्रक्रिया क्या है – वो भी बिल्कुल आसान भाषा में।
UP Bhulekh जमीन की रजिस्ट्री का खर्च कैसे निकालें : Overview
लेख का नाम | यूपी में जमीन की रजिस्ट्री का खर्च कैसे निकालें |
लेख का उद्देश्य | Land Registry Expenses Calculation in UP |
पोर्टल का नाम | UP Bhulekh |
उद्देश्य | भूमि से संबंधित जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराना |
विभाग | उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद विभाग |
फीस | कोई फीस नहीं |
अधिकारिक वेबसाइट | Upbhulekh.gov.in |
जमीन की रजिस्ट्री क्या होती है?
जमीन की रजिस्ट्री का मतलब होता है – आपके नाम पर जमीन का कानूनी पंजीकरण। जब आप किसी व्यक्ति से जमीन खरीदते हैं, तो सरकारी रिकॉर्ड में भी उस जमीन का मालिकाना हक आपके नाम पर दर्ज कराना होता है। यही प्रक्रिया रजिस्ट्री कहलाती है।
यूपी में जमीन की रजिस्ट्री करने में कितना खर्चा आता है? जानें पूरी जानकारी स्टेप-बाय-स्टेप
जब आप यूपी में कोई जमीन खरीदते हैं, तो सरकार उस जमीन की अनुमानित कीमत (सर्किल रेट) के अनुसार स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क लेती है। ये दरें जिला, तहसील, गांव और उस भूमि के उपयोग (जैसे आवासीय, व्यावसायिक या कृषि) के आधार पर बदलती रहती हैं। यहाँ रजिस्ट्री से संबंधित प्रमुख खर्चों की जानकारी दी गई है:
1. स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty):
पुरुष खरीदार के लिए सामान्यत 7% स्टाम्प ड्यूटी देनी होती है। महिला खरीदार के लिए महिलाओं को रियायत मिलती है, आमतौर पर 6% स्टाम्प ड्यूटी लगती है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अंतर होता हैं, शहरी क्षेत्रों में स्टाम्प ड्यूटी अधिक होती है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में थोड़ी कम हो सकती है। आप यूपी में कोई जमीन खरीदते हैं, तो सरकार उस जमीन की अनुमानित कीमत (सर्किल रेट) के अनुसार स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क लेती है।

सर्किल रेट क्या होता है?: सर्कल रेट वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर किसी क्षेत्र में संपत्ति की रजिस्ट्री की जाती है। अगर आपकी जमीन की बाजार कीमत सर्कल रेट से कम है, तब भी रजिस्ट्री सर्कल रेट के हिसाब से ही होगी और यदि जमीन की बाजार कीमत इससे अधिक है, तो स्टांप शुल्क उसी अधिक कीमत पर लगेगा।
उदाहरण:
मान लीजिए लखनऊ के किसी क्षेत्र में सर्कल रेट ₹30,000 प्रति वर्ग मीटर है और आपने 100 वर्ग मीटर जमीन खरीदी है।
तो कुल सर्कल रेट = ₹30,000 × 100 = ₹30,00,000
अब इसी आधार पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस का निर्धारण होगा।
2. रजिस्ट्रेशन शुल्क (Registration Fee):
यूपी में रजिस्ट्रेशन शुल्क आमतौर पर जमीन के मूल्य या सर्किल रेट ( जो भी अधिक हो ) का 1% होता है। उदाहरण: एक ₹10 लाख की संपत्ति और उसका सर्किल रेट ₹9 लाख है तो इस सम्पति पर रजिस्ट्रेशन शुल्क लगभग ₹10,000 होगा क्योंकि सम्पति का मूल्य सर्किल रेट से अधिक है।
3. अन्य शुल्क:
- वकील की फीस: ₹2000 – ₹5000 (वैकल्पिक)
- दस्तावेज़ स्कैनिंग और सेवा शुल्क
रजिस्ट्री में लगने वाला लगभग कुल खर्च –
- एक उदाहरण के साथ मान लीजिए आप ₹20 लाख की जमीन (ट्रांसक्शन वैल्यू ) खरीद रहे हैं और उसका सर्किल रेट ₹15 लाख है ( जो की कम है संपत्ति मूल्य से ) तो : स्टाम्प ड्यूटी (₹20 लाख का 7%) = ₹1,40,000 रजिस्ट्रेशन फीस (1%) = ₹20,000 अन्य शुल्क = ₹2,000 से ₹5,000 कुल अनुमानित खर्च = ₹1.62 लाख से ₹1.65 लाख
- दूसरा उदाहरण: मान लीजिए आप ₹10 लाख की जमीन (ट्रांसक्शन वैल्यू ) खरीद रहे हैं और उसका सर्किल रेट ₹15 लाख है ( जो की अधिक है संपत्ति मूल्य से ) तो : स्टाम्प ड्यूटी (₹15 लाख का 7%) = ₹1,05,000 रजिस्ट्रेशन फीस (1%) = ₹15,000 अन्य शुल्क = ₹2,000 से ₹5,000 कुल अनुमानित खर्च = ₹1.22 लाख से ₹1.25 लाख
उत्तर प्रदेश में जमीन का सर्कल रेट ( सरकारी मूल्य ) कैसे पता करें?
अगर आप उत्तर प्रदेश में कोई जमीन या प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहला सवाल आता है – सर्कल रेट कितना है? यह जानना बेहद जरूरी है क्योंकि यही रेट आपकी रजिस्ट्री की लागत को निर्धारित करता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने IGRSUP पोर्टल (https://igrsup.gov.in) के माध्यम से सर्कल रेट जानने की सुविधा दी है। यह पोर्टल रजिस्ट्रेशन और स्टांप विभाग द्वारा संचालित होता है।
Step-By-Step Guide: IGRSUP पोर्टल से सर्कल रेट कैसे निकालें
उत्तर प्रदेश में सर्कल रेट (Circle Rate) वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर सरकार जमीन या संपत्ति की रजिस्ट्री करती है और उसी के आधार पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस तय होती है। अगर आप जानना चाहते हैं कि आपके इलाके में जमीन का सर्कल रेट कितना है, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें:
सबसे पहले https://igrsup.gov.in/igrsup/ – स्टांप और रजिस्ट्री विभाग, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
होमपेज पर आपको कई विकल्प मिलेंगे। इनमें से “मूल्यांकन सूची (Rate List)” वाले ऑप्शन पर क्लिक करें।

अब आपको अपना जिला, तहसील, और अन्य जरूरी जानकारी चुननी होगी।
इसके बाद स्क्रीन पर दिख रहे कैप्चा को ध्यान से भरें और सबमिट करें।

अब एक पीडीएफ फाइल डाउनलोड होगी जिसमें आपके चुने गए क्षेत्र को अलग-अलग सर्कलों में बांटा गया होगा।
उस फाइल में हर सर्कल का जमीन का न्यूनतम रेट यानी सर्कल रेट साफ तौर पर दिया गया होगा।
इस तरह आप बड़ी आसानी से जान सकते हैं कि आपके गांव, कस्बे या शहर के किस हिस्से में जमीन का सर्कल रेट क्या है।

हर राज्य में क्षेत्रों को विभिन्न सर्किलों में बांटा जाता है, और प्रत्येक सर्किल के अंतर्गत आने वाली जमीन के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दर अलग-अलग होती है। यह सर्किल रेट राज्य की नीति और क्षेत्र की बाजार स्थिति के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। इसी वजह से जमीन की रजिस्ट्री पर लगने वाला कुल खर्च भी राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है।
UP Bhulekh जमीन रजिस्ट्री के लिए स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेट कैसे करें?
उत्तर प्रदेश में जमीन खरीदते समय स्टांप ड्यूटी की सही गणना करना बहुत जरूरी होता है। यह शुल्क सरकार को देना होता है और इसके बिना रजिस्ट्री मान्य नहीं मानी जाती। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि उत्तर प्रदेश में जमीन रजिस्ट्री के लिए स्टांप ड्यूटी की गणना (Calculation) कैसे की जाती है।
स्टाम्प ड्यूटी क्या होती है?: स्टाम्प ड्यूटी वह कानूनी टैक्स होता है जो किसी भी संपत्ति की खरीद-बिक्री पर सरकार द्वारा वसूला जाता है। यह फीस संपत्ति की कीमत पर आधारित होती है — या तो सर्कल रेट (सरकार द्वारा तय न्यूनतम दर) पर या बाजार मूल्य पर, जो भी ज्यादा हो।
Step-By-Step: स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेट कैसे करें:
Step 1: सर्कल रेट पता करें
सबसे पहले अपने क्षेत्र का सर्कल रेट पता कीजिये IGRSUP वेबसाइट की मदद से। सर्किल रेट पता करने के लिए तरीका ऊपर पैराग्राफ में बताया गया हैं।
Step 2: संपत्ति का कुल मूल्य निकालें
- उदाहरण:
मान लीजिए, आपने लखनऊ में 100 वर्ग मीटर प्लॉट खरीदा है और वहाँ का सर्कल रेट ₹25,000 प्रति वर्ग मीटर है।
तो कुल मूल्य = 100 × ₹25,000 = ₹25,00,000
Step 3: स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेशन
- सबसे पहले https://igrsup.gov.in/igrsup/ – स्टांप और रजिस्ट्री विभाग, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- होमपेज पर आपको कई विकल्प मिलेंगे। इनमें से ” स्टाम्प-निबन्धन शुल्क कैलकुलेटर“ वाले ऑप्शन पर क्लिक करें।
- अब स्क्रीन पर एक फॉर्म दिखाई देगा जिसमें आपको निम्नलिखित जानकारियाँ भरनी होंगी:
- जिला (District)
- तहसील (Tehsil)
- मोहल्ला/गांव/वार्ड
- परगना
- लेखपत्र का प्रकार (Document Type)
- प्रतिफल मूल्य (Transaction Value)
- नवीनतम मूल्यांकन सूची के अनुसार संपत्ति का मूल्य (Market Value)
- यदि संपत्ति महिला द्वारा खरीदी जा रही है, तो “महिला क्रेता है” वाले चेकबॉक्स पर टिक करना न भूलें, ताकि छूट की गणना सही तरीके से हो सके।

- सभी विवरण सही-सही भरने के बाद “विवरण देखें” बटन पर क्लिक करें।
- इसके बाद आपकी स्क्रीन पर संबंधित संपत्ति के लिए कुल देय स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty) और निबन्धन शुल्क (Registration Fee) स्वतः प्रदर्शित हो जाएगा।
यह टूल उपयोगकर्ताओं को पारदर्शिता के साथ रजिस्ट्री से जुड़ी सभी वित्तीय जानकारियाँ प्राप्त करने की सुविधा देता है, जिससे आप बिना एजेंट की मदद के भी खुद से अनुमान लगा सकते हैं कि आपकी रजिस्ट्री में कितना खर्च आएगा।

नामांतरण और दाखिल-खारिज की प्रक्रिया: रजिस्ट्री के बाद आपको तहसील में जाकर नामांतरण के लिए आवेदन करना होगा। इससे भूमि रिकॉर्ड में भी मालिकाना हक आपके नाम पर दर्ज हो जाएगा।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न 1: क्या स्टांप ड्यूटी ऑनलाइन भरी जा सकती है?
हाँ, उत्तर प्रदेश में आप IGRSUP पोर्टल के माध्यम से स्टांप ड्यूटी ऑनलाइन भर सकते हैं।
प्रश्न 2: क्या महिला को स्टांप ड्यूटी में छूट मिलती है?
हाँ, महिला को 1% तक की छूट दी जाती है।
प्रश्न 3: क्या सर्कल रेट और बाजार मूल्य अलग होते हैं?
हाँ, सर्कल रेट सरकार द्वारा तय किया जाता है जबकि बाजार मूल्य डील पर निर्भर करता है।
प्रश्न 4: यदि संपत्ति गिफ्ट डीड के माध्यम से ट्रांसफर हो तो क्या स्टांप ड्यूटी लगेगी?
जी हाँ, लेकिन उस पर दरें सामान्य से कम होती हैं।
प्रश्न 5: क्या रजिस्ट्रेशन के बाद संपत्ति का मालिकाना हक मिल जाता है?
हाँ, रजिस्ट्री पूरी होने के बाद खरीदार वैध मालिक बन जाता है।
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